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Friday, March 7, 2014

आओ महिला महिला खेंले..After all todey is Woman's day ! by Priyanka Goswami

Priyanka Goswami is RJ and programmer at 90.8 dehradun

चलिए महिला महिला खेलते हैं !!! आफ्टर आल आज महिला दिवस है। 

एक दिन की मौक फेमिनिस्ट परेड करते हैं। और जैसे ही खुमारी उतरेगी तो फिर किसी कि माँ बहन धन्य करेंगे। 


रेस्पेक्ट वुमन कहेंगे लेकिन दिमाग से ये नहीं निकालेंगे कि इज्जत का कांसेप्ट उसकी वर्जिनिटी का मोहताज नहीं है। इज्जत एक बड़ा कांसेप्ट है जो उसी तरह जाती है जैसे एक मर्द की जाती है अर्थात गलत काम करने पर न कि बालात्कार या विर्जिनिटी जाने पर .... lol as if she was involved alone।


आज के दिन रेस्पेक्ट women कहेंगे लेकिन किसी भी आदमी को नीचा दिखाने के लिए उसी की बीवी बहन और माँ का वर्बल रेप करने से बाज़ नहीं आयेंगे।
 

कम्पलेन करेंगे की लड़कियां मौकापरस्त होती हैं … अगर बेटर ऑप्शन मिल जाये तो दूसरे की हो जाती हैं। लेकिन मौकापरस्ती की जड़ों को नहीं समझेंगे … नहीं समझेंगे कि घर से ही उसे डिपेंडेंट बनाने की कवायद शुरू होती है। आप खुद अपनी बहन माँ बीवी या बेटी को अकेले बाहर नहीं जाने देना चाहते। दुनिया गलत है और आपको फ़िक्र है का लोकल excuse देते हैं। उसे ये नहीं कहते कि पढ़ो लिखो आगे बढ़ो कल को न पति पर निर्भर रहना न ससुर पर। बल्कि उसे पढ़ाना भी उसकी शादी की तैयारियों में आता है। अब आपका रेट तो फिक्स है अगर आप इंजीनियर हैं तो ३० लाख, डॉक्टर हैं तो 50 लाख.. ऐसे में डिमांड एडुकेटेड वाइफ की भी है।
 

शुरुआत से भेजे में ये घुसाया जाता है कि आपका प्रिंस चार्मिंग आएगा … जब एक लड़की कि कंडीशनिंग आपने प्रिंस के नाम की की है तो obviously वो बेटर आप्शन बोले तो प्रिंस को ढूंढेगी। thanks to great indian big fat wedding and ashiqui 2 types indian cinema.
 

आज महिला दिवस पर कुछ करना है तो बस इतना कर दीजियेगा कि जब आप बाप बने तो अपनी नन्ही परियों को ये समझाए कि उसे किसी श्री कृष्ण का इंतज़ार नहीं करना है जो उसके तन को ढकेगा न उसे प्रिंस चार्मिंग का इंतज़ार करना है जो उसे घोड़े पर ....आज के कॉन्टेक्स्ट में mercedes में बिठाकर दुनिया घुमायेगा। बल्कि ये कहना कि वो खुद बहुत सक्षम है … खुद से एक्स्पेक्ट करे। प्रिंस तो सिर्फ दुनिया घुमाएगा लेकिन खुद वो ब्रह्माण्ड देख सकती है, उड़ सकती है । अगर शादी करना चाहती हैं या प्रेम के साथ रहना चाहती हैं तो अपने साथी के साथ ज़िम्मेदारी की तरह नहीं साथी की तरह रहें। क्यूकि ज़िम्मेदारी बोझ बन जाती है लेकिन साथ हर दिन मस्ती भरी यारी में।  तब मनाएंगे हैप्पी वाला महिला दिवस

4 comments:

Shikha Kaushik said...

very right .

Shalini kaushik said...

vichrniy gambheer bat kah rahi hai aapki ye post .very right .

rani tripathi said...

jaankar acha laga ki log ab achha sochne lage hain... salaam priyanka

डा श्याम गुप्त said...


---सुन्दर व सार्थक पोस्ट .....परन्तु...
बालात्कार या विर्जिनिटी जाने पर ....
---वलात्कार एवं वर्जिनिटी जाने में अंतर है .....बलात्कार में सहमति नहीं होती अतः वह उस पर अपराध है उसका दोष या अपराध नहीं ....परन्तु वर्जिनिटी यदि सहमति से जाती है और उसका परिणाम अनुचित होता है तो वह स्त्री का दोष है ...

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