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Monday, October 17, 2011

जानते हुए भी मैंने प्यार किया, यह अलग बात है!!


हद कर दी यूँ दूर रहकर,
मै फिर भी हद से न गुज़रा यह अलग बात है !
अब और कितना गम सहूँ तुझसे दूर होने का?
अब तलक सहता रहा यह अलग बात है !!

सोचा न था तेरे प्यार में तडपना पड़ेगा,
इतना तड़प होने के बाद पता चला यह अलग बात है!

कभी न अब तडपाऊंगा न ही सताऊँगा,
सिर्फ कह रहा, अमल न लाऊंगा यह अलग बात है!

कभी रास्ते में आकर यूँ ही न चला जाऊँगा,
चाहूँगा तुझे मै दिन रात, बिना-बताए यह अलग बात है!

कभी मनाऊंगा नहीं तुझे-मर जाऊँगा कुछ पल में ,
यह अलग बात है!
चाहना कुछ गलत नही, मगर चाहकर भी तुझे न पा सका
यह अलग बात है!!

जिंदगी के हर पल में तू थी, अब तेरे बिना जीना पड़ेगा,
यह अलग बात है!
कभी सोचा न था यूँ  रुसवा होकर हमसे तुम अलग हो जाओगे,
अलग हो ही गए यह अलग बात है!!

चाहतो में जीना आसान है मगर चाहतो में दूर होकर भी मै जिया
प्यार करना अगर गुनाह है, यह जानते हुए भी मैंने प्यार किया, यह अलग बात है!!

Saturday, October 15, 2011

अन्ना हजारे कश्मीर मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करें: भगत सिंह क्रांति सेना एवं प्रत्यंचा परिवार

अन्ना हजारे कश्मीर मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करें: भगत सिंह क्रांति सेना एवं प्रत्यंचा परिवार
श्री राम सेना, भगत सिंह क्रांति सेना, प्रत्यंचा, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा, India Integration Forum द्वारा प्रेस रिलीज जारी कर वरिष्ठ समाज सेवी अन्ना हजारे द्वारा मश्मिर मुद्दे पर उनकी स्पष्ट राय की मांग की गई. प्रत्यंचा परिवार ने स्पष्ट कहा है कि ऐसे समय में जब सरे देश की निगाहें और उम्मीदें उनपर टिकी हुई हैं तो देश के इस अभिन्न हिस्से को लेकर उनकी क्या राय है. भगत सिंह क्रांति सेना ने कहा है कि अन्ना हजारे द्वारा अपनी रूख स्पष्ट किए जाने के बाद वह इस बात पर फैसला करेगी कि अन्ना हजारे का समर्थन युवाओं द्वारा किया जाए या नहीं..

प्रेस रिलीज

टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण द्वारा कश्मीर पर दिये गए देशद्रोही ब्यान और इसके बाद हुए प्रकरण की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए अन्ना हजारे को स्वयं सामने आकर मत स्पष्ट करना चाहिए कश्मीर मुद्दे पर उनकी क्या राय है। श्री राम सेना, भगत सिंह क्रांति सेना, प्रत्यंचा, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा, India Integration Forum.

जम्मू कश्मीर प्युपलस फोरम और हिंदुस्तान निर्माण दल ने शुक्रवार को जारी ब्यान में कहा की व्यवस्था के अंदर और बाहर रहने वाले प्रमुख लोगों द्वारा इस प्रकार ज्वलनशील मुद्दों को नजरअंदाज करने पर युवा पीढ़ी में जो असंतोष व्याप्त होता है वो कहीं न कहीं जाकर आक्रोश के रूप में कहीं न कहीं फूटेगा।
पहले अग्निवेश और अब प्रशांत भूषण द्वारा इस प्रकार विवादास्पद बयानों को जारी करके युवा पीढ़ी को ये बुद्धिजीवी लोग क्या साबित करना चाहते हैं। इस प्रकार गांधीवाद की आड़ में ये अंहिसक आतंकवादी युवा पीढ़ी को बरगला कर उनके असंतोष को आक्रोश में बदलकर ये युवा पीढ़ी के साथ अन्याय कर रहे हैं। हालिया प्रकरण जिस मोड़ पर पहुंच गया है उस मो्ड़ पर पहुंचने से पहले उसे रोका जा सकता था, यदि अन्ना हजारे या उनकी टीम के जो सम्मानित सदस्य हैं उस प्रकार के बयानों का खंडन कर देते किंतु ऐसा नहीं हुआ।
इस मामले पर तटस्थ रुख अपनाने वाली टीम अन्ना से नेतृत्व को कश्मीर मसले पर अपना स्टैंड साफ करना चाहिए।
इसके अलावा प्रभु श्री राम और भारत माता के भक्तों पर अभद्र टिप्पणी करने से पहले भी कथित बुद्धिजीवी वर्ग को समझना चाहिए कि धर्म के पथ पर ही राष्ट्रहित संभव है।

जय श्री राम, जय भारत, जय हो।

Thursday, October 6, 2011

WO RAVAN JAL RAHA HAI AUR YEH SH. RAVAN APNI KISMAT PAR RO RAHA HAI


Happy dashahra.. aap sabko dashhra ki shubhkamnaye

dashhra par sabhi apne dushman se dur jate hain aur khushiyan manate hain. Mai zindagi se dur chalta ja raha hu khushiyan manane ki jagah gam bhi manana to dur gam mamane k elie bhi wakt ab nahi bacha

kisi khas ka msg aya.. happy dashhra.. wo bole ki hamari galiyo me ravan jal raha hai yahan sabhi me khushi ki dhoom hai..
fir mujhe khud ki yaad aai..chaunk kar dekha to gali me shor tha ravan ke jalne ka ..

wo ravan jal raha hai aur yeh sh. RAVAN apni kismat pe ro raha hai. Apne kamre me letkar.. ek kone me farsh par ludhka hua. Ekdam se BEBAS. LACHAR. Usi ravan ki tarah

jaise use jalane wale log hans rahe hain khushiyan mana rahe hain waise hi wo bhi mujhe jala rahe hain khushiyan mana rahe hain.

Kaisa wakt hai yeh . Do alag alag log ek jisko burai ka pratik mana jata hai doosra jisne apni samajh me kabhi kisi ka bura nahi chaha ek jaise halat me hain.. kaisa virodhabhas hai... kafi pahle ravan joki burai ka beshumar khajana tha uske mare jane ki khushi me log jhoome ja rah ehain wahi koi aur bhi hai is dunia me jo is sh. RAVAN ko jalakar mare ja rahe hain.. ekdam bebas pada hu mai.. lachar..

chahkar bhi kuch kar nahi pa raha.. aaj jo wada kiya hai hamehsa ke lie door chale jaane ka.. aakhir kyu khud se itni narajgi hai ki mai chahkar bhi kamre se baahar nahi nikal pa raha hu.. andhera chha chuka hai aur mai lappy liye apne kamre me hi gumsum sa baitha hu.. wo har pal me mujhe tadpate ja rahe hain aur mai chahkar bhi kuch nahi kar pa raha hu.. na ro pa raha hu .. hasne ka sawal hi nahi uthta..

jane kaisa pal yeh rab ne kismat me meri likh diya tha ki wo khushiyan manate huye hamare jane ko lekar khush hain.. whai ham unse bichhdne ke gam me aankhe tar-batar kiye apni bebasi par o rahe hain- teekhna chah rahe hain magar cheekh nahi pa rah ehian.. kaisa virodhabhas hai yeh? Kyu hai itni bebasi. Kyu hai itni lachari.... aakhir kyu?
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