दिल्ली गैंगरेप के बारे में एक ऐसी सच्चाई से
पर्दा हटाने जा रहा हूं जो शायद सबकी आंखे खोलकर रख दे.
पहली बात : शुरूआती गलती और एक कदम आगे की गलती यानि शुरूआती दो कदम पीडिता और पीडिता के पुरुष मित्र द्वारा उठाए गए! जोकि पूरी तरह से गलत और किसी के लिए भी अस्वीकार्य थी! जबकि बस ड्राइवर के साथ बस में सवार सभी युवक शराब के नशे में थी, ऐसे समय में इस बस में चढ़ना कहां तक उचित था? बस में चढ़ने के बाद गलत हरकतें, फिर कमेंटबाज़ी के दौरान युवक को ड्राइवर को थप्पड़ मारना ..यह कुछ ऐसी घटनाएं हैं जो इस गैंगरेप के बाद जघन्यतम कृत्य के लिए उत्तरदाई रही!
दूसरी बात: दिल्ली गैंगरेप में पकडे गए सभी छः
दोषी बराबर के जिम्मेदार नहीं! शुरूआती झगडे और मारपीट के बाद बदले की भावना से
गैंगरेप की प्रवृति अपराधियों के मन में आना! बस में होने वाला झगडा इस दौरान
निर्णायक रहा! इससे ड्राइवर रामसिंह में प्रतिशोध की भावना उबली और बाकियों में
झगडे के दौरान ही दुष्कर्म की भावना!
सबकुछ बताने से पहले मैं इस गैंगरेप की असली
वजह बताना चाहूंगा, जोकि आज के मेट्रो युग के युवाओं के लिए एक अच्छी जानकारी और
आगे से ऐसे किसी भी घटना से दूर रहने का एक तरीका साबित हो सकता है! मैं आप लोगों
को कुछ पोइंट्स या क्रम से घटनाक्रम को बताने चल रहा हूं!
दोनों का रात के समय फिल्म देखने के बाद घर
जाने का गलत तरीका! साकेत से फिल्म देखकर निकलने के बाद यह लोग ऑटो से मुनिरका गए!
फिर मुनिरका से इस चार्टर्ड बस में सवार हुए! गलती या कहे हीला-हवाली, जिस ऑटो से
यह लोग मुनिरका या वसंत विहार पहुंचे क्या उसी ऑटो से अपने अपने घर नहीं निकलना
चाहिए था? खैर यह वजह कुछ भी नही! आये हम बताते हैं आपको इनकी सबसे बड़ी गलती!
आप फिल्म देखने के लिए इतना महंगा टिकट लेकर
जा सकते हैं, वापस आधे रास्ते तक ऑटो में आ सकते हैं फिर ऐसा क्या हुआ कि इन्होने
चार्टर्ड बस को आगे के सफर के लिए चुना? इसकी दो बाते हो सकती हैं.. पहला: ऑटो
ड्राइवर की तांकझांक बर्दास्त न होना, दूसरा: फिर किसी अन्य को अपने बीच में नहीं
पड़ने देना
इस
दौरान सबसे बड़ी गलती: बस में इन दोनों का पीछे या बीच की सीट पर बैठने के बाद
आपत्तिजनक हरकतें! चार्टर्ड बसों में अक्सर प्रेमी जोड़ों की जुगलबंदी देखी जा सकती
हैं! इस दौरान बाक़ी पांच ड्राइवर से बातचीत कर रहे थे!
इस दौरान ड्राइवर राम सिंह ने दोनों की और
इशारा करते हुए जोर से अपने साथियों से कहा! दिल्ली में इस समय वेश्याएं(Sex Workers) इसी तरह हरकते
करती हैं! उसने साथ ही यह भी कहा कि देखो बस में ही रंगरेलियां मनाने की लगभग
अवस्था आ चुकी है!
यह सब सुनने तक दोनों एक-दूसरे में खोये हुए
थे! मगर इतना सुनने के बाद पीडिता के साथ वाले युवक का गुस्सा सातवें आसमान पर
पहुंच गया! उसने कुछ सोचे विचारे बिना ही बाकियों और ड्राइवर से बहस शुरू कर दी!
थप्पड़ मारना: टर्निंग पॉइंट. अभी बहसबाजी चल
ही रही कि पीडिता के पुरुष मित्र ने ड्राइवर रामसिंह को थप्पड़ मार दिया! इसके बाद
उनमें आपस में झगडा शुरू हुआ! बीच बचाव करते समय लड़की को भी चोट आई! इस दौरान
नाबालिग युवक(बदायूं से जो पकड़ा गया) के मन में सबसे पहले दुष्कर्म की भावना जागी
क्योंकि तबतक यह लोग युवती को सामान्य युवती नहीं बल्कि वेश्या समझ रहे थे!
इसके बाद, सभी युवकों ने बारी-बारी से
दुष्कर्म किया! इसके बाद भी जब युवती और युवक का विरोध जारी रहा तो बस ड्राइवर
रामसिंह का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया! रामसिंह ने बस में पीछे आकार पहले
तो दोनों के साथ मारपीट की उसके बार वो आगे केबिन में गया और लोहे का सरिया उठा
लाया! इस दौरान युवक अर्धनिर्वस्त्र हालत में था और युवती लगभग पूरी तरह
निर्वस्त्र, चूंकि सभी आरोपी दुष्कर्म को अंजाम दे चुके थे! रामसिंह ने केबिन से
सरिया लाकर पहले तो दोनों को सरिये से पीटा! मगर इसके बाद भी जब उसके मन से
शुरुआती थप्पड़ के प्रतिशोध की ज्वाला कम नहीं हुई तो उसने उसी सरिए से युवती के
नाजुक अंगों पर प्रहार किया!
रामसिंह इस हमले के बाद पागलों वाली अवस्था
में आ चुका था! उसने हैवानियत की हद पार करते हुए पीडिया के नाकुक अंगों में सरिए
के कई वार किये, जिससे सरिए का प्रहार युवती के शरीर के अंदरूनी हिस्सों तक हुआ!
इसका एक फल युवती की छोटी अंत को निकालने के तौर पर सामने आया!
ड्राइवर रामसिंह पर से जब बदले की आग थोड़ी
हलकी हुई जब जाकर उसे अपनी गलती का अहसास हुआ! इस दौरान बस की स्टेरिंग पर कोई और
था! अब कुछ किया नहीं सा सकता था और सरिया पीडिता के नाजुक अंगों से होकर उसके पेट
में फंसा हुआ था! ऐसी अवस्था में पीडिता को देखकर रामसिंह के होश उड़ गए! इस दौरान
उसके अन्य साथी भी वही थे और वो युवक पर टूटे हुए थे! लेकिन पीडिता की यह हालत
देखने के बाद उनके वहशीपन ने जवाब दे दिया!
रामसिंह और उसके साथियों के वहशीपन को खत्म
होने में लगभग ४० मिनट का समय लगा! इसके बाद आरोपियों ने लगभग बेहोश हालत में
पीडिता युवती और उसके मित्र को सड़क के किनारे चलती बस से धक्का देकर बस को लेकर
भागना ही उचित समझा!
इस घटना के बाद क्या हुआ वह सारी दुनिया के
सामने है!
अब सवाल यह उठता है कि क्या उनका इस चार्टर्ड
बस में चढ़ना उचित था? अब अगर बस में चढ भी गए तो शांति से रास्ता व्यतीत करने में
क्या जाता था? इस दौरान दोनों जब एक-दूसरे में खोने लगे तो उसके बाद बस ड्राइवर से
कहा सुनी हुई!
अब यह कौन कहेगा कि आप युवती के साथ हो तो
चुपचाप निकलने की बजाए आप 6 लोगों से भिड जाओ? इतना ही नहीं, युवक ने जब ड्राइवर
रामसिंह को थप्पड़ मारा उसके बाद गाली गलौच और दुष्कर्म की घटना हुई! इसलिए मैं
अकेले रामसिंह या उन्ही छः युवकों को इस घटना का जिम्मेदार मानने से इनकार करता
हूं!
जरा सोचिए! हम सब सिर्फ उन्ही छः को घटना का
जिम्मेदार मान रहे हैं, लेकिन यह तथ्य जानने के बाद भी क्या घटना की जिम्मेदारी
उन्ही छः पर है? यह इस युवक पर भी?
मैं और कुछ न कहते हुए इस युवा पीढ़ी से इतना
ही कहूँगा, कि हर जगह हर किसी से उलझना ठीक नहीं! आप लोग रात के समय कहीं निकले भी
तो DTC या ऑटो लेकर ही निकले! चार्टर्ड बसों को बढ़ावा न दे! यह हमारे समाज के लिए
खतरा होने के साथ ही हमारी अर्थव्यस्था के लिए भी खतरा हैं!
दामिनी के अस्पताल पहुंचने और उसके मरने तक की
घटना का उल्लेख मैं यहां नहीं करना चाहूंगा, क्योंकि उन सबकी चर्चा बहुत हो चुकी
है! मेरे इस लेख के लिखने तक शायद दामिनी का पार्थिव शारीर भी भारत देश पहुचंह
चुका होगा! अंत में दामिनी को सिर्फ विनम्र श्रद्धांजलि...सिर्फ इतना ही कहूँगा, “दामिनी तुम्हरी मौत से
शायद यह युवा वर्ग जाग जाए, जो गलतियां अब तक हुई वो फिर न दोहराई जाए”!
(मेरा इरादा किसी को चोट पहुँचाने या किसी को
गलत ठहराने का बिल्कुल भी नहीं है! मैंने इस लेख द्वारा यह कोशिश की है कि सच्चाई
आम जानता तक पहुंचे और वह जागरूक हो सके, ताकि ऐसी किसी भी प्रकार की घटना से बचा
जा सके)
(Short Note: दामिनी के साथ सामूहिक बलात्कार से दामिनी की मौत के बीच के बारह दिनों में देशभर से लगभग 22 बलात्कार या सामूहिक बलात्कार की घटनाएं सामने आ चुकी हैं! मैं भी चाहता हूं कि ऐसे मामलों में न्याय अतिशीघ्र हो लेकिन इस दौरान कोशिश यह की जानी चाहिए कि दोषियों को उनकी गलती के अनुसार सजा मिले)
(Short Note: दामिनी के साथ सामूहिक बलात्कार से दामिनी की मौत के बीच के बारह दिनों में देशभर से लगभग 22 बलात्कार या सामूहिक बलात्कार की घटनाएं सामने आ चुकी हैं! मैं भी चाहता हूं कि ऐसे मामलों में न्याय अतिशीघ्र हो लेकिन इस दौरान कोशिश यह की जानी चाहिए कि दोषियों को उनकी गलती के अनुसार सजा मिले)
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12 comments:
Thats the ground reality of our country's youth they keeping searching for a safe palace to have some fun
I appreciate your investigations of the other side.
बधाई हो .. तुमने वो लिखा जो बहुत से लोग जानते हुए भी लिखने की हिम्मत नहीं जूटा पाए !!
satik report
Fight can happen but does that mean men just rape a girl? And do that what those people did? Yes they did took a wrong bus but if laws are more stronger for crime like rape then fights can be limited. A drunk driver is driving a bus how can anyone know without sitting in bus and why would driver stopped bus when he was not even running for transportation ... Yes all these people had this in their mind even before
Fight can happen but does that mean men just rape a girl? And do that what those people did? Yes they did took a wrong bus but if laws are more stronger for crime like rape then fights can be limited. A drunk driver is driving a bus how can anyone know without sitting in bus and why would driver stopped bus when he was not even running for transportation ... Yes all these people had this in their mind even before
who so ever is d author of this post, i wud like to ask him that is travelling wid fren a crime?
is protecting d women frm eve teasing a crime?
is travelling in bus a crime?
Are you (author) so coward that if 4-5 men are eve teasing ur wife, u wil keep calm n let ur wife face the eve teasing or rape attempt just bcoz u r alone n they are 5?
your post is similar to the comment made by a an official lady few days back, in which she said that d gal must hv surrendered to rapist so as to protect herself frm sch brutality.
both of you need to be counselled fr ur sch crap thnking.
dnt blame the brave, blame d culprit n rapist.
be a man first thn start blogging n writing such posts with non sense.
if u dnt hv courage & cnt protect ur mother/sister/gal fren/ daughter, u need to buy some bangles, wear them n then write such post.
Dear Anonymous. sirf yahi kahunga ki BUS men baithne ke baad ashil harkaten hi is ghatna ki shuruaat aur is bhayavah ant ki wajah rahi... baki ka chhodie.. sabkuch ek ke bad ek ho gya... wo hona hi tha...! aisi paristhitiyon me.. nivedan hai..apna naam sarvjanik karen..! khuli bahas karen..! khud bhi coward na bane..
@jas... sirf lal kitab se aage niklo.. aur us samay ki ghatna ko sirf jaano.. sahi ya glat yeh ham aur aap deside nhi kr sakte.. haan jo kuch bhi us din hua..usi ghatnakram ka vivran yahan hai..
@Shravan Shukla Bus mein ashleel harkatein ki un dono ne, ye apko kaun batane aaya? D victim or d culprit or d police?
apne mann se ye gandi soch hatao aur dimaag ka dayra badhao.
these sick guys rape gals even wen they r well dressed well sitted n r alone also. so keep ur sick mentality out of world wide web.
if u r travelling wid ur sis, r u sure tht these eve teasers wont eve tease d gal? do gals travelling alone r nt raped?
n u can have a discussion wid anonymous also, discussion r on topics nt on name.
once again suggesting that if u dnt hv courage & cnt protect ur mother/sister/gal fren/ daughter, u need to buy some bangles, wear them n then write such post.
Dear Anonymous ,
i hve voice recoring of investigator.. the team mate of investigations team in dis case. i am investigator by profession. और मेरे पोस्ट लिखने के दो तीन दिन बाद सामने आई केस फाइल में यह बाते हैं .. 1000 पेज की रिपोर्ट है.. आप आरटीआई के माध्यम से माँगा सकते हैं .. हो सकता है यह न मिले.. लेकिन कोशिश कर सकते हैं ..! या सोर्स हो तो साकेत कोर्ट से भी...!
Shravan Bhai, Katu Satya likha hai aur aapki bat 100% sahi hai, kisi bhi ghatna ke liye sirf ek paksh jimmedar nahi hota, aakhir Asharam Bapu ne bhi lagbhag isi tarah ki pratikirya di thi,lekin uska bhi "Rape" kar diya gya. khair, mere Comment se kisi ko koi thesh lagti ho to mai kshamaprarthi hoon..
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