कुंदन लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं |
आज कई हफ्तों बाद भास्कर.कॉम की साईट को खोला और उस साईट पर जाने के बाद यही लगता है की भास्कर एक रास्ट्रीय स्तर पर निकलने वाला अखबार नहीं कोई बिकाऊ लोकल अख़बार है |
पूरे अख़बार में खास मुख्य खबर (हेडलाइन न्यूज) के नाम पर क्रिकेट की ही खबरे दी हुई है, उसके बाद बीवियों की खरीद की खबर, 12-12-12 पर बंगलादेशी क्रिकेटर की अमेरिकन लड़की से शादी, चीनी विमान की जापान में घुसपैठ, प्लास्टिक सर्जरी से तौबा करने वाली फ़िल्मी हस्तियाँ बड़ी खबरों में शामिल है|
एनी बड़ी खबरों में जो की पेज को नीचे खसकाने पर ही दिखेगी मोदी और केशुभाई का झगड़ा है, मुलायम सिंह को माननीय उच्चतम नयायालय का झटका है, मोदी के काम की दूद से तुलना की खबर है और ममता की कुर्सी खतरे में, इसके साथ ही ब्लेक बेरी फोन का नया चेहरा और विद्या बालन की संगीत समारोह की खबर |
चलिए अन्य बड़ी खबरों में दो खबरे ऐसी है जो देश की वर्तमान परिदृश्य पर कुछ असरकारक है लेकिन फिर भी खबरों की हेडलाइन में सिर्फ क्रिकेट का होना पत्रकारिता और अख़बार दोनों का ही अपमान है | क्रिकेट सिर्फ एक खेल है जिस के जीतने या हारने से देश को रत्ती भर भी नुकसान नहीं होगा सिवाय एक अहंकार के ऊँचा उठने या नीचा जाने के |
भास्कर जैसे अख़बार का ऐसा रवैया ना सिर्फ शर्मनाक है बल्कि सोचनीय भी है की क्या अब भास्कर को हिंदी भाषियों या हिन्द वासियों का अख़बार कहा जाना चाहिए |
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