देश में वास्तविक
प्रजातंत्र और धर्मनिरपेक्षता का प्रदर्शन कर रही कांग्रेस के द्वारा देश को एक और
पाकिस्तान के रूप में बांटने की साज़िश:
उस मुस्लिम नेता और विधायक के भाषण की एक
लाइन सुनिये: ''ऐ हिन्दोस्तान तेरी आबादी सौ करोड़ है और
हम मुसलमान सिर्फ 25 करोड़ हैं। 15
मिनट के अपनी पुलिस हटा ले हम बता देंगे कि कौन
ज्यादा ताकतवर है। तेरा 100 करोड़ का
हिन्दोस्तान या हम 25 करोड़ मुसलमान।''
24 दिसंबर को अदिलाबाद, आंध्र प्रदेश के एक जलसे के दौरान अकबरूद्दीन ओवैसी..
आगे क्या करना है वह
सब आप सबके विचार पर है .. अब मिट जाओ या मिटा दो! हिन्दू-मुस्लिम को नहीं बल्कि ओवैसी
जैसे गद्दारों को.. जो देश को तोड़ने की बात करते हैं। साथ ही MIM जैसी पार्टियों को . जो देश द्रोह कर रही है..!
इस पोस्ट के द्वारा देशद्रोहियों को चुनौती है कि वो अपना स्टैंड रखे, खासकर उन मुस्लिम हिन्दुस्तानियों को, जो हर हाल में भारतीय रहने का दावा करते हैं। जो यह कहते नहीं अघाते कि सभी भारतीय मुस्लिम भारत के हैं और उनमें आपस में कोई बैर नहीं हिन्दुओं के लिए।
(नोट: गुप्त सूचना के
अनुसार इस समय MIM के दस्ते में लगभग 1 लाख सशत्र कार्यकर्ता(विद्रोही) हैं, जो कभी भी देश के
लिए खतरा बन सकते हैं! सूत्र के अनुसार इस बात की सूचना आईबी और रॉ जैसी एजेंसियों
ने केंद्र सरकार को दी है लेकिन कांग्रेस और सरकार की तरफ से कोई कार्यवाही तो
दूर, अबतक इस बात की चर्चा भी नहीं की गई और न ही इनको रोकने का कोई प्रयत्न!)
भाषण का अंश
.. अकबरुद्दीन ओवैसी वैसे तो अपने आपको फिरकापरस्त कहने में भी कोई संकोच नहीं करते और कहते हैं कि कोई कुछ भी कहे लेकिन वे खुद तहे दिल से मुस्लिम परस्त हैं। इसी मुस्लिम परस्त का एक भाषण ऐसा है जिसे सुनने के बाद सहसा यकीन नहीं होता कि हिन्दुस्तान में इस्लाम इस रूप में भी संगठित हो रहा है। अकबरूद्दीन ओवैसी सिर्फ एक इस्लामिक संस्था मजलिस-ए-एत्तहादुल मुसलमीन के वरिष्ठ नेता भर नहीं है बल्कि वे आंध्र प्रदेश विधानसभा के माननीय विधायक भी हैं। लेकिन इस भाषण को सुनकर नहीं लगता कि उनका हिन्दुस्तान से कुछ लेना देना है।
अकबरुद्दीन ओवैसी ने हाल में 24 दिसंबर को अदिलाबाद के एक निर्मल टाउन में जलसे में टीवी कैमरों और मीडिया की मौजूदगी में जो कुछ कहा वह न सिर्फ गैर कानूनी है बल्कि सीधे सीधे देशद्रोह का मामला है। ओवैसी ने अपने भाषण में न सिर्फ हिन्दोस्तान को यह कहते हुए चैलेन्ज किया कि तेरी आबादी सौ करोड़ है और हम मुसलमान सिर्फ 25 करोड़ हैं। बल्कि साथ में यह भी कहा कि 15 मिनट के अपनी पुलिस हटा ले तो हम बता देंगे कि कौन ज्यादा ताकतवर है, तेरा 100 करोड़ का हिन्दोस्तान या हम 25 करोड़ मुसलमान। उन्होंने कहा कि सिर्फ पंद्रह मिनट के लिए पुलिस को हटा लो फिर देखो क्या होता है। जब ओवैसी ने यह कहा तो वहां मौजूद करीब बीस से पच्चीस हजार की सभा में जमकर 'नारा-ए-तदबीर, अल्ला हो अकबर' के नारे गूंजे और वहां मौजूद जमात के लोगों द्वारा ओवैसी का समर्थन किया गया। पूरे हिन्दोस्तान को धमकी देते हुए अकबरूद्दीन ओवैसी ने कहा कि ''अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो तबाही और बर्बादी पूरे हिन्दुस्तान का मुस्तकबिल (भाग्य) बन जाएगी।''
अपने भाषण में ओवैसीन ने आतंकवादी अजमल कसाब को न सिर्फ बच्चा बताया बल्कि उसकी फांसी के बदले में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के फांसी की भी मांग की। अपने भाषण में ओवैसी ने कहा कि "एक बच्चा अपने साथियों के साथ पाकिस्तान से आता है और मुंबई में 200 लोगों को कत्ल कर देता है तो उसे फांसी की सजा दे दी जाती है और गुजरात में जिस मोदी ने 2000 हिन्दुस्तानियों का कत्ल कर दिया उसके ऊपर एक केस भी दर्ज नहीं किया जाता।" ओवैसी ने कहा कि मोदी को कोई सजा नहीं दी जाती बल्कि वह आज हिन्दुस्तान का वजीर-ए-आजम बनने का ख्वाब देख रहा है। ओवैसी अपने भाषण में आगे कहते हैं कि "अरे हिन्दुस्तान ये अकबर ओवैसी तुझसे सवाल करता है कि पाकिस्तानी है तो हिन्दुस्तानी को मारने पर फांसी और हिन्दुस्तानी है तो हिन्दुस्तानियों को मारने पर उसे दिल्ली की गद्दी दी जाती है।" अपने भाषण के दौरान हालांकि ओवैसी ने कसाब और उसके साथियों द्वारा किये गये आतंकी हमलों की मजम्मत जरूर की लेकिन उन्होंने अपने भाषण में जिस तरह से कसाब को बच्चा बताकर संबोधित किया और फांसी का आधार आतंकी गतिविधि नहीं बल्कि पाकिस्तानी होता बताया, वह निश्चित ही हैरान करनेवाला है। ओवैसी ने पूरे हिन्दुस्तान के मुसलमानों का आह्वान किया है कि "ये आंध्रा का मुसलमान सारे हिन्दुस्तान के मुसलमानों को पैगाम देता है कि अगर आंध्रा के मुसलमानों की तरह हिन्दुस्तान के पच्चीस करोड़ मुसलमान मुत्तहिद हो जाएगा तो खुदा की कसम बहुत जल्द मोदी तख्ते पर लटकता हुई हमको दिखाई देगा।"
बोलते बोलेत ओवैसी ने मोदी को फांसी को फांसी की मांग तो की ही लेकिन यह भी बोल गये कि अगर इस देश का मुसलमान एक हो जाए तो खुदा कसम इस देश का मुस्तकबिल मुसलमान लिखेगा। अपने भाषण के दौरान उन्होंने न सिर्फ मुंबई बम धमाकों को यह कहते हुए जायज ठहराया कि यह बाबरी मस्जिद को शहीद करने का रियेक्शन था बल्कि बंबई बम धमाकों में सजा दिये जाने पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि टाइगर मेनन को सजा हो गई लेकिन बाबरी मस्जिद गिराने वालों को अब तक सजा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आज हमारी मस्जिदें शहीद कर दी जाती हैं और हमारी इज्जत इनके रहमों करम पर रख दी जाती है और हिन्दुस्तान में हमकों इंसाफ नहीं मिलता है।
करीब दो घण्टे का यह पूरा भाषण दो किश्तों में यू ट्यूब पर उपलब्ध है। अपने भाषण के दौरान ओवैसी ने सिर्फ मोदी के लिए ही फांसी नहीं मांगी बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमानों के साथ हिन्दुस्तान के मुसलमानों की हालात की तुलना करते हुए अमेरिका को इसके लिए जिम्मेदार भी बताया। उन्होने चारमीनार को मस्जिद बताते हुए वहां देवताओं का मंदिर बनाने को भी चुनौती दी और हिन्दू देवता राम को भी बुरा भला कहा। ओवैसी ने हिन्दू नेताओं को चैलेन्ज करते हुए कहा कि "आखिर राम की मां कहां कहां गई और राम ने किधर को जनम लिया।" राम के जन्म को चुनौती देते हुए ओवैसी ने कहा कि यहां सौ दो सौ साल की तारीख का पता नहीं और ये अठारह लाख साल पुरानी तारीख से राम जन्मभूमि पर दावा कर रहे हैं। ओवैसी ने अपने भाषण में बीजेपी, आरएसएस को जहरीला सांप बताते हुए कहा कि इन्हें मारने के लिए बब्बर शेर की जरूरत नहीं है। इनका सिर कुचलने के लिए एक सोटा ही काफी है।
बहरहाल, यह भड़काऊ भाषण देने के बाद अकबरूद्दीन लंदन इलाज के लिए चले गये हैं और ओवैसी के इस भड़काऊ भाषण के खिलाफ दायर एक याचिका पर एक स्थानीय अदालत में सोमवार को सुनवाई होगी।(sabhar-visfot)