मैं ऐसा ही हूं...
जैसा भी हूं,
मैं ऐसा ही हूं।
थोड़ा सा पागल,
थोड़ा सा सनकी हूं..
मै ऐसा ही हूं।।
जो दिल में आये बक देता हूं,
गलत बाते न दिल में छुपा सकता हूं।
मै ऐसा ही हूं।।
न अत्याचार करूं.. न अत्याचार सहूं..
न गलत बोलू.. न किसी की सुन सकूं,
मै ऐसा ही हूं।।
देख के दुनिया मुझको जले,
मै किसी को देखकर न जलता हूं..
मै ऐसा ही हूं।।
जीवन के हर खेल सबसे अलग हूं,
न खुद के पास हूं, न खुद से दूर हूं..
मै ऐसा ही हूं।।
हार गया . तो रोया..
और जीतने के बाद तो ..हर बार रोया हूं,
क्योकि मै ऐसा ही हूं।।
मै ऐसा ही हूं.. कहती है सारी दुनिया!
बदलने को टोकती है..
यह दुनिया..
फिर भी नहीं बदलता हूं
क्योंकि मै ऐसा ही हूं।।
इस २० उम्र की जिंदगी में..
ना जाने कितने खेल खेल चुका..!
अधिकतर में हार गया..
मगर कुछ तो जीता हूं...
फिर भी मै ऐसा ही हूं।।
इस जीवन की डगर पर
सपनो की दुनिया में..
अक्सर गोते लगाते आया हूं..
सपनो में ही सही
सभी दोस्तों..दुश्मनों से
टकराता आया हूं..
किसी से
हारा भी नहीं..
सबको हराता आया हूं.!
क्योंकि मै ऐसा ही हूं..।।
कोई घमंडी कहे..
या कोई कहे, खुद में खोया रहने वाला!
नहीं सुनता किसी की...
दिल के सिवा!
कमजोरी है या मजबूती...
नहीं पता!
लेकिन...
मैं ऐसा ही हूं......।।
जैसा भी हूं,
मैं ऐसा ही हूं।
थोड़ा सा सनकी हूं..
मै ऐसा ही हूं।।
जो दिल में आये बक देता हूं,
गलत बाते न दिल में छुपा सकता हूं।
मै ऐसा ही हूं।।
न अत्याचार करूं.. न अत्याचार सहूं..
न गलत बोलू.. न किसी की सुन सकूं,
मै ऐसा ही हूं।।
देख के दुनिया मुझको जले,
मै किसी को देखकर न जलता हूं..
मै ऐसा ही हूं।।
जीवन के हर खेल सबसे अलग हूं,
न खुद के पास हूं, न खुद से दूर हूं..
मै ऐसा ही हूं।।
हार गया . तो रोया..
और जीतने के बाद तो ..हर बार रोया हूं,
क्योकि मै ऐसा ही हूं।।
मै ऐसा ही हूं.. कहती है सारी दुनिया!
बदलने को टोकती है..
यह दुनिया..
फिर भी नहीं बदलता हूं
क्योंकि मै ऐसा ही हूं।।
इस २० उम्र की जिंदगी में..
ना जाने कितने खेल खेल चुका..!
अधिकतर में हार गया..
मगर कुछ तो जीता हूं...
फिर भी मै ऐसा ही हूं।।
इस जीवन की डगर पर
सपनो की दुनिया में..
अक्सर गोते लगाते आया हूं..
सपनो में ही सही
सभी दोस्तों..दुश्मनों से
टकराता आया हूं..
किसी से
हारा भी नहीं..
सबको हराता आया हूं.!
क्योंकि मै ऐसा ही हूं..।।
कोई घमंडी कहे..
या कोई कहे, खुद में खोया रहने वाला!
नहीं सुनता किसी की...
दिल के सिवा!
कमजोरी है या मजबूती...
नहीं पता!
लेकिन...
मैं ऐसा ही हूं......।।
श्रवण कुमार शुक्ल (सर्वाधिकार सुरक्षित)
6 comments:
वाह खूबसूरत तरीका कहने का
thanx girish ji.
shravan kumar shula ji aaap aisa hee rehna aur kabhi maat badalnaa okk kyuki kisi naaa kisi koo tooo aisa hee rehna hongaaaaaaa
oh thanx ..but aap apna name likh dete to kaafi achcha hota...
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