पिछले कई
दिनों से भोजपुरी की श्रेष्ठ गायिकाओं में से एक विजया भारती जी की तबियत और उनके
पति के साथ चल रहे कहा-सुनी/घरेलू हिंसा की ख़बरें पढता/सुनता आ रहा हूं. अब जबकि
उनके पति पर आरोप है कि उन्होंने जबरदस्ती मारपीट करके उन्हें इलाज के बहाने
विमहंस(VIMHANS, Lajpat Nagar, New Delhi) अस्पताल में कैद कर रखा है तो मेरी भी
जानने की इच्छा हुई कि उनका हाल चाल लिया जाए. लेकिन वहां दिन में दो बार जाने पर
जो कुछ पता चला कि कहानी पूरी तरह हैरतअंगेज और दंग कर देने वाली है. उन्हें कई
दिनों से मानसिक रोगियों के अस्पताल(VIMHANS, Lajpat Nagar, New Delhi) के मानसिक रोगी कक्ष
संखा 2 (दों) डॉक्टर कुशल जैन की देखरेख में लगभग कैद की अवस्था में रखा गया है न
ही उन्हें किसी से मिलने की इजाजत है और न ही किसी से बातचीत की(यहां तक की
अस्पताल स्टाफ से भी). वजह पूछने पर बताया गया कि डाक्टर साहब का आदेश है! अब जबकि
इस हालत में परिवार का कोई न कोई सदस्य वहां मौजूद होना चाहिए, वहां से पूरा
परिवार ही नदारद है! दोपहर के बाद से परिवार का कोई भी सदस्य न ही उनसे मिलने आया
और न ही खोजखबर लेने की कोशिश हुई दोपहर उनकी पुत्री मिलने आई हुई थी, ऐसी हालत में उन्हें अकेला छोड़ दिया गया है! खबर
है कि उनका पुत्र( नाम B...) अबतक उनसे मिलने आ जाया करता था अब वह भी नहीं आएगा.
वह कल यानी दिन शुक्रवार को जयपुर के लिए निकल रहा है!
सुबह पुत्र से लगभग झड़प हो जाने के बाद आज
शाम फिर से विमहंस अस्पताल गया, सिर्फ यह जानने के लिए कि उनकी तबियत अब कैसी है.
पता चला कि उनसे अब भी किसी को मिलने की अनुमति नहीं है(सिवाय उनके पत्रकार पति
ओंकारेश्वर पाण्डेय(एडिटर-द संडे इंडियन, जिनपर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप भी
है), पुत्र (भव्य), पुत्री और उनके भाई के.) और न ही उनके बारे में कोई जानकारी दी
जा सकती है. अस्पताल प्रशासन ओंकारेश्वर पाण्डेय के बड़े कद की वजह से कुछ भी
कहने/सुनने से इनकार चुका है! काफी मुश्किल से उनके कक्ष तक तो पहुँच गया लेकिन
उनसे मिलने नहीं दिया गया. खैर उनके जल्द ठीक होने/डिस्चार्ज होने की कोई उम्मीद
बंधती नहीं दिख रही है!
उससे पहले मैं बता दूं कि कल यानी
बुधवार को उनके फोन पर कॉल करने पर उनके बेटे ने फोन रिसीव किया और बताया कि
हाईब्लड प्रेसर की वजह से उन्हें डाक्टर्स की देखरेख में रखा गया है जबकि आज सुबह
मिलने के बाद उसने बात करने से मना कर दिया उसपर से यह कहने लगा कि आप सबका काम है
न्यूज बनाना... अब इन्हें कौन बताए कि बाप-बेटे अगर यह लाइन नहीं बोलते तो शायद यह
खबर बनती भी नहीं. मैंने जवाब में कहा कि यही काम तो आपके पिताजी लगभग सारी ज़िंदगी
करते आये हैं तो यह आज अजीब क्यूँ? खैर छोडिये वह तो बच्चा था.. ठीक यही बात खुद
आज रात लगभग १०.३० बजे आंकारेश्वर पाण्डेय ने खुद भी कही कि आपलोग अपने मन से झूठ – मूठ
की ख़बरें बनाकर मीडिया में फैलादेते हैं. जबकि मेरे बेटे की बातों को कोट नहीं
करते(ज्यादा समझ में नहीं आया. जबकि बातों से ऐसा लग रहा था कि कुछ(अल्कोहल) अंदर कर
चुके हैं(कहना मुश्किल था)! इतना कहकर फोन डिस्कनेक्ट कर दिया. अब देखते हैं कि कल
तक क्या स्थिति रहती है..! फ़िलहाल इतना तो तय है कि भारती जी गहरी मुश्किल में हैं
और उन्हें आप और हम सबके साथ की जरुरत है.
उल्लेखनीय है कि विजया भारती का अपने
पत्रकार पति ओंकारेश्वर पांडेय के साथ लंबे समय से झगड़ा चल रहा है. विजया भारती
का आरोप है कि उनके पति लंबे समय से उन्हें मारते पीटते रहे हैं. आरोप है कि- “पिछले
साल दिसम्बर में ओंकारेश्वर ने दूसरी मंजिल से धक्का दे दिया, जिससे
मेरी दाहिने कुल्हे की हड्डी छह टुकड़ों में बंट गई. धक्का देने के बाद ओंकारेश्वर
गाड़ी उठा कर वहां से भाग गये. उस हालत में भी मैं खुद उठी, डाक्टर के
पास गई, एक्स-रे कराया, और फिर महुआ के सेट पर शूटिंग के लिए
पहुंची.” गौरतलब है कि भोजपुरिया समाज में खासा प्रसिद्ध विजया भारती
की शादी ओंकारेश्वर पाण्डेय (द संडे इंडियन के संपादक) से 1994 में हुई थी जिनसे
उन्हें एक पुत्र और पुत्री है! कुछ अन्य जानकारी मिलते पर वह कमेन्ट के माध्यम से
आप सबतक पहुंचा दी जायेगी!
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