नई दिल्ली।
दिल्ली में 14 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ 3 साल पहले जब दरिंदगी हुई थी, तो पूरे देश में कोहराम मच गया था। लोग सड़कों पर उतरे।
निर्भया ने काफी संघर्ष के बाद दम तोड़ दिया था। मामले में कुल 6 दरिंदों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से राम नाम
के आरोपी ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी, तो 4 आरोपियों को
फांसी की सजा दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाई। पर इनके अलावा जिस दरिंदे ने सबसे ज्यादा
हैवानियत दिखाई थी, वो आज रिहा हो
रहा है। क्योंकि उसे नाबालिग होने का फायदा मिला था और महज 3 सालों तक ही उसे सुधार गृह में रखा गया था। पर उसकी रिहाई
का जमकर विरोध हो रहा है। दिल्ली महिला आयोग आधी रात में उसकी रिहाई रोकने के लिए
सुप्रीम कोर्ट पहुंची, पर रात 2 बजे तक चली हलचल के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने
उसकी रिहाई पर रोक नहीं लगाई है, हालांकि दिल्ली
महिला आयोग की अर्जी मंजूर कर ली गई है और इसकी सुनवाई सोमवार को होगी।
दिल्ली महिला
आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालिवाल ने कहा कि पहले पूरे मामले को वैकेशन बेंच ने सुना
और आगे पूरे मामले की सुनवाई सोमवार को होगी। इस मामले को केस नंबर 3 के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में सुना जाएगा। अब
ये देखना होगा कि बाल सुधार आयोग निर्भया के दोषी को रिहा करेगा या नहीं, क्योंकि साफ तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया
के दोषी की रिहाई को लेकर कोई बात नहीं कही है। जिसके बाद दिल्ली महिला आयोग की
अध्यक्ष स्वाती मालिवाल ने कहा कि हम बाल सुधार आयोग से अपील करते हैं कि दोषी
नाबालिग को रिहा न किया जाए।
आधी रात में अपील
करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने मामले को फाइल जस्टिस गोयल और
जस्टिस ललित उदय के वैकेशन बेंच के पास भेज दिया था। जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
पर आधी रात में पूरे मामले की सुनवाई न करते हुए वैकेशन बेंच ने कहा कि वो मामले
की सुनवाई सोमवार को करेगी। आधी रात में सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के सवाल पर स्वाती
मालिवाल ने कहा कि कुछ कानूनी दिक्कतों के चलते देरी हो रही थी। पालीवार की अपील
पर रजिस्ट्रार पूरे मामले को लेकर सीजेआई के गए थे।
इससे पहले,
दिल्ली महिला आयोग के वकील राजेश इनामदार ने
बताया था कि अभी फाइल जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस ललित उदय के वैकेशन बेंच के पास गई है। रात में 2.05 बजे तक स्वाती मालीवाल ने पूरे मामले की
जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगी।
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