मुजफ्फरपुर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उन्हीं की रैली में सवाल पूछना एक युवक को महंगा पड़ गया। नीतीश से सवाल पूछने पर जेडीयू कार्यकर्ताओं ने युवक पर हमला बोल दिया और जमकर गुंडागर्दी करते हुए पिटाई की। जेडीयू कार्यकर्ताओं के हमले में युवक घायल हो गया। दरअसल, अभिषेक रंजन नाम के युवक ने सीएम नीतीश कुमार से बहुचर्चित नवरुणा किडनैपिंग कांड की जांच को लेकर सवाल किए थे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, तभी जेडीयू कार्यकर्ताओं ने उनपर हमला बोल दिया।
अभिषेक रंजन एक्टिविस्ट हैं और नवरुणा को न्याय दिलाने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। उनकी लगातार कोशिशों का नतीजा है कि नवरुणा किडनैपिंग केस अब सीबीआई के हवाले है। अभिषेक रंजन ने अपने फेसबुक स्टेटस पर लिखा है, 'मुजफ्फरपुर के पत्रकारों का धन्यवाद, जो उन्होंने मेरी जान बचा ली। वरना नीतीश समर्थक जदयू कार्यकर्त्ता थप्पड़ चलाने, गला दबाने के साथ भीड़ में मेरी जान ले लेते और आपका अभिषेक आज नही बचता। दोष इतना ही था कि सिर्फ खड़े होकर सवाल पूछा और वह भी किसी समूह में नही अकेले । मैं पूछता रहा कि नवरुणा का क्या हुआ? उसे न्याय कब मिलेगा मुख्यमंत्री जी, मुख्यमंत्री महिला सुरक्षा के दावे करते रहे। मैं लोकतान्त्रिक तरीकें से पोस्टर लिए खड़ा रहा। एसपी ने मेरा परिचय पूछा, मैंने बस अभिषेक कहा। जान मार देने तक की धमकी भी मिली है। यह सबकुछ एक स्थानीय जदयू नेता के नेतृत्व में हुआ।'
इसके आगे अभिषेक ने लिखा है, 'मुझे खूब चोट लगी है लेकिन मैं बिल्कुल सुरक्षित हूँ। चिंता करने की कोई बात नही है। अब मुझे डर अपनी जान का है। वैसे भी मुजफ्फरपुर मेरे लिए खतरों से खाली नही था, अब तो यहाँ खुलकर चल भी नही सकता। खैर बहरों को सुनाने और उसके डबल स्टैण्डर्ड को एक्सपोज़ करने के लिए कुछ तो करना ही चाहिए था।'
अभिषेक ने नीतीश कुमार के आगे प्रदर्शन करने के बारे में फेसबुक पर ही सभी लोगों से अपील की थी, कि वो नीतीश कुमार के सामने प्रदर्शन करने चल रहे हैं और इसमें उन्हें साथियों से सहयोग चाहिए। अभिषेक एक तख्ती पर नवरुणा को न्याय दिलाने की अपील कर रहे थे। अभिषेक पर हमले की सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। आशुतोष कुमार सिंह ने लिखा है कि अभिषेक रंजन से अभी-अभी बात हुई है। पीठ में ज्यादा चोट है। फिलहाल सुरक्षित हैं, लेकिन जान से मारने की धमकी मिली है। यह गंभीर मामला है, बिहार के नीतीश सरकार के लिए यह शुभ संकेत नहीं है।
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यह गंभीर मामला है, बिहार के नीतीश सरकार के लिए यह शुभ संकेत नहीं है।
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