हमारीवाणी

www.hamarivani.com

Labels

Popular Posts

Friday, December 2, 2011

तो इस बार उत्तराखंड में मायाजाल फैलाने की तैयारी है!!!

उत्तराखंड की सत्ताधारी पार्टी भाजपा की अंतर्कलह ने उप्र की सत्ताधारी पार्टी की मुखिया बहन कुमार सुश्री मायावती जी की बाछें खिला दी है। कांग्रेस-बाजपा के अंतर्कलह ने उन्हें यह सोचकर मुस्काराने का सुनहरा मौका दिया है कि हमारे उप्र वाले सहयोग का भार उत्तराखंड में उतारने का मौका आ गया है। कभी लगातार आगे बढती जा रही मायावती को सपोर्ट कर एकदम से कई बार किनारे लगाने वाली भाजपा से कुछ इसी अंदाज में बदला लेने की तैयारियां बसपा लगभग कर चुकी है। अब 22 मई को हुई उत्तराखंड बसपा की बैठक में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने हुंकार भरते हुए कहा कि जब-जब बहुजन समाज पार्टी [बसपा] मजबूत हुई तब-तब विरोधी पार्टियों ने उसे कमजोर करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए। लेकिन इस बार पार्टी पूरी तरह सजग है.. किसी को भी धोखा देने का मौका दिए बगैर हम अकेले ही सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने अभी से इस बात की भी घोषणा कर दी कि चुनाव के बाद भी किसी भी पार्टी से कोई गठजोड़ नहीं किया जाएगा। पार्टी अपने दम पर चुनाव के सकारात्मक नतीजे को लेकर कार्य कर रही है। बहन जी ने यह भी कहा बसपा ने ही सबसे पहले पृथंक उत्तराखंड राज्य के गठन का समर्थन कर विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराया था। उन्होंने ही ऊधम सिंह नगर, बागेश्वर, चम्पावत व रुद्रप्रयाग जिलों का सृजन किया। नयी तहसीलें तथा विकास खंड बनवाये थे। अभी भी वह उत्तराखंड की जनता के हितों का ध्यान रख रही है। इस लिहाज़ से उन्हें इस बार मौका देने का चांस बनता ही है क्योकि पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस-भाजपा के निकम्मे नेताओं ने सिर्फ उत्तराखंड को बरबाद ही किया है .. उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि मैं जब तक जिंदा रहूंगी पार्टी के लक्ष्य के लिए संघर्ष करती रहूंगी।

वैसे बसपा के उत्तराखंड में पिछले प्रदर्शन पर नज़र डाले तो पायेंगे कि बसपा के पास इस चुनाव में दो मुद्दे हैपहला यह, कि राज्य की राजधानी गैरसैंड करने के नारे का समर्थन करके जनता की निगाह में थोडा ऊँचा उठने की कोशिश जबकि दूसरे मुख्य मुद्दे में अनुसूचित जाति प्लान की 750 करोड़ की राशि, जिसे बसपा इस चुनाव में मुद्दा बनाने की तैयारी में है 
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के कुछ चुनिन्दा मजबूत महिला राजनीतिज्ञों में शुमार बहन जी इस राज्य में होने वाले चुनाव को त्रिकोणात्मक बनाने की हर कोशिश कर रही हैं भाजपा-कांग्रेस-उक्रांद जैसे उत्तराखंड में मज़बूत जनाधार वाली पार्टियों की आपसी खींचतान का फायदा उठाने की पहली कोशिश के रूप में पिछले संसदीय चुनाव में हरिद्वार सीट पर दलित-मुस्लिम मतदाताओं की मदद से हरिद्वार सीट पर क़ब्ज़ा करने वाली कांग्रेस के सांसद हरीश रावत को बसपा ने जिलापंचायत चुनाव में भाजपा की मदद से अपनी गोटी लाल कर चुकी है बसपा ने जिस तरह कांग्रेस को आइना दिखा कर बगले झांकने को मजबूर किया उससे अगर समय रहते कांग्रेस ने अपनी गुटबाज़ी पर लगाम नहीं लगाया तो आने वाला समय कांग्रेस के लिए भारी पड़ेगा मायावती ने जिलापंचायत अध्यक्ष की कुर्सी भाजपा के सहयोग से हासिल कर अपने सोशल नेटवर्क को एक सकारात्मक दशा दे दी है जिसका बसपा आगामी चुनाव में पूरा फायदा उठाने की कोशिस में होगी .जिस तरह बसपा ने सभी सीट पर अकेले ताल ठोकने के साथ आगामी चुनाव में किसी भी दल से ताल मेल न करने की बात कही है, उससे अभी यही अंदाज़ा निकलता है कि सत्ता की ऊंट किस करवट बैठेगी यह कहना काफी कठिन है. वैसे एक बात तो तय है कि उक्रांद सहित सूबे की इलाक़ाई दलों के तंगहाली का लाभ भी इस चुनाव में बसपा को मिलेगा
यह सब ध्यान में रखते हुए मायावती जी इस बार उत्तराखंड में मायाजाल फैलाने की तमाम उपायों की तरफ ध्यान दे रही है चाहे वह दूसरे दलो के नेताओं को तोड़ने वाला उपाय हो या सभी असंतुष्टों को साथ लेकर तीसरे मोर्चे की तरफ देखने की राह सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर चलने वाली बहन कुमारी मायावती की यह बात किसी को हजम नहीं हुई.. फिर भी जाने क्यों मायावती जी ने उत्तराखंड को लेकर इतने भयंकर सपने देख डाले एक बात यही लीजिए कि उत्तराखंड में बसपा के कुछ 7-8 विधायक ही हैं ऊपर से उत्तर-प्रदेश की हालत खस्ता हैजाने कब वहीं असंतोष की स्थिति बन जाए... क्योंकि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में रोज बलात्कार हो रहे हैं.. और कानून व्यवस्था की खिल्ली उडाई जा रही है वैसा उत्तराखंड के शांतिप्रिय लोग कभी नहीं चाहेंगे
और यूपी में मायाराज को हाल देखकर कोई भी कह सकता है कि यूपी से राम ही बचाएखैर यूपी में राम ही जब किसी से नहीं बच रहे तो उनके बचने की उम्मीद काम ही है, लेकिन जनता स्वयं को बचाते हुए महामाया जी को खुद से दूर ही रखना चाहेगी 

(यह आर्टिकल जून में ही लिखा गया था परन्तु सेंसरशिप जैसे विवादों में पड़ने के कारण पब्लिस नहीं किया जा सका था अब उन सभी दिक्कतों से पार पते हुए इसे ज्यों का त्यों प्रकाशित किया जा रहा है बीच के 6 माह के घटनाक्रम को जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा एक बात और जब यह आर्टिकल लिखा गया था तब वहां का तख़्त और ताज किसी अन्य के पास था अब तो वजीर भी बदल चुका है देखते हैं उत्तराखंड की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठता है थोडा इन्तजार करिये जल्द ही सारा घटनाक्रम आपके बीच होगा......) : आभार

2 comments:

Dr Dwijendra vallabh sharma said...

bhaiya ! aapke is lekh me aisa kuchh bhi nahi hai jiski charchaa bhi ki ja sake.sorry ,

Anonymous said...

[p]It is of [url=http://www.ppandorajewelleryuk.co.uk]pandora jewellery store locator
[/url] importance also to know how to determine Pandora charms that are real . Moore had been working for Tiffany隆炉s as a designer since 1851, and is credited with introducing Japanese styles to the Tiffany designs of that period . Pandora jewelry , Subsequent that, his or her reputation send through Europe then inside [url=http://www.cheappandorabeadsale.co.uk]pandora beads sale[/url] pandora charms for sale . When you create Pandora style jewelry, you must use Pandora style [url=http://www.ppandorajewelleryuk.co.uk]pandora jewellery uk[/url] jewelry making which are special for Pandora beads . The Avatars [url=http://www.ppandorajewelleryuk.co.uk]Pandora Jewellery[/url] should be inhabited through the experts with a thoughts meld technique . To get in touch " exceptional " charms a confer with silver website supplied that might conserve some charms . There are [url=http://www.pandoraukstockists.co.uk]pandora charms uk[/url] quite a few choices for gals of each model and to match each funds . She is growing into a gorgeous youthful lady and locating the right present to represent her maturity is [url=http://www.cheappandorabeadsale.co.uk]pandora beads uk[/url] hard.[/p]

@ बिना अनुमति प्रकाशन अवैध. 9871283999. Powered by Blogger.

blogger