क्या कश्मीर समस्या का कोई स्थाई हल है???...आज यहाँ हर कोई सिर्फ अपने में खोया हुआ है.....कहते है सब कि कश्मीर में दंगे फसाद लश्कर वाले करवा रहे है..लेकिन कोई उनसे भी जाकर पूछो कि वो कैसे जीते है जो वह के रहने वाले है..महीने में २० दिन कर्फ्यू के कैसे गुजरते है वो....आज अगर रात को किसी को अस्पताल जाने कि जरुरत पद जाए तो भी घर बाहर नहीं निकलता...कि ना जाने कहा किस मोड मोड पर आतंकवादी मिल जाए....या फिर भारतीय सैनिक उन्हें आतंकवादी समझकर उठा ले जाए....आखिर इस भयानक जीवन का कोई अंत है??? कश्मीर को वैसे तो धरती का स्वर्ग कहा जाता है..लेकिन वह के हालत ने कश्मीर को नर्क से भी बदतर बना दिया है....आखिर कौन है इसका जिम्मेदार? नेता लोग एक दुसरे पर उंगुली सिर्फ उठाते है..चिल्लाते है //जिससे कुछ नहीं होता सिर्फ उनके दो-चार वोट बढ़ने के आलावा.आखिर कोई तो समाधान होना चाहिए न????????? आखिर कब तक धरती का यह स्वर्ग उही नर्क में तब्दील होकर दुनिया कि नजरो से ओझाल होता रहेगा..? आखिर कब???????? अब तो आहे भरने की भी ताकत नहीं बची....कब किसे कहा से भगा दिया जाए..कब किसके घर को किस हालात में उदा दिया जाए...आज सुबह जिससे हस्ते हुए हुए मिले थे क्या पता शाम को वो मिलने लायक ही न रह जाए..आखिर इतनी दरिंदगी भरी जिंदगी कबतक जीते रहेंगे वह के लोग?????????????
यहाँ राजनीति करने वालो से मेरी गुजारिश है कि एक बार सिर्फ एक बार वो आम आदमी बनकर उन इलाको में जाए....उन्हें पता चल जाएगा कि दर क्या होता है????
वो वातानुकूलित घरों में जो रहते है उसने बाहर निकलकर देखे...कि आखिर असली सच क्या है ..तभी संभव है कि कुछ रास्ता निकल आये...आखिर कब यह उही मौत कि जिंदगी गुजारते रहेंगे वह के बाशिंदे?????????????
स्वर्ग से सुन्दर इन वादियों को कैसे खून के छीटो से सीचा रहा है ...देखिये...जरा सोचिये....आखिर इतनी सुन्दर धरती को
यु मौत और जिंदगी में जहा फर्क न रह गया हो उसमे बदलने का जिम्मेदार कौन है???????
क्या कश्मीर समस्या का कोई हल नहीं? क्या कश्मीर समस्या का कोई स्थाई हल है??? अगर हा तो क्या? कैसे? कहा? किस दिशा में प्रयत्न किये जाए?/ ..आपके बहुमूल्य सुझाव आमंत्रित है
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