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Wednesday, January 29, 2014

गांधी और पश्चाताप...



गाँधी जी ने सत्य के साथ कई अनुप्रयोग किये । उनमें से कई प्रयोग विवादास्पद रहे तो कई प्रयोग असफल भी रहे । आजादी पर मनाये जा रहे जश्न में यह सूत्रधार ना जाने किन कारणों से एक अंधेरे गुमनाम स्थान पर शायद पश्चाताप कर रहा था । आजादी के बाद ऐसी क्या पीड़ा रही होगी कि देश के नाम संदेश देने के बजाय उन्होने कहा कि “नहीं चाहिए ऐसी आजादी” । 
संजय महापात्र


शायद वे आजादी के लिए निर्मित उस संगठन के नाम से भविष्य में होने वाले दुरूपयोग को भाँप कर उसे समूल नष्ट कर देना चाहते थे जिस संगठन की विरासत पर अपना दावा ठोक कर लोग 65 सालों से सत्ता पर काबिज हैं । अपने उद्देश्यों में सफल हो जाने के बाद इस संगठन को औचित्यहीन घोषित कर नष्ट कर देने की गाँधी की इस अंतिम इच्छा की भ्रूण हत्या उन लोगों के द्वारा की गई जो अपनी महत्वाकाँक्षाओं की पूर्ति हेतु अब इस संगठन के सहारे रोज गाँधी की आत्मा का वध कर अपनी गाड़ी खींचे जा रहें । ये तो अच्छा हुआ कि इनके कुकर्मों को छुपाने के लिए नाथूराम ने गाँधी के शरीर का वध कर एक मजबूत किला बना दिया वरना गाँधी अपनी दुर्दशा देखकर खुद ही शर्म से आत्महत्या कर लेते।

खैर उनका ये सिलसिला अनवरत जारी है लेकिन इस बीच एक अन्य रिटायर्ड फौजी को गाँधी का अवतार घोषित कर रामलीला मैदान में गाँधी के उसी पुराने आन्दोलनों और अनशन के हथियारों का इस्तेमाल कर आम आदमी पार्टी के नाम पर कुछ लोग सत्ता तक पहुंचने में ऐनकेन प्रकारेण सफल हो गये । अब वही लोग अनशन कर रहे शिक्षकों को बर्खास्त करने की धमकी दे रही है।

कल आम आदमी की इस तथाकथित जनताना सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सचिवालय के सामने आमरण अनशन पर बैठे शिक्षकों से कहा कि अनशन खत्म करें नहीं तो नौकरी भी जाएगी। अनशन कर रहे शिक्षक आम आदमी पार्टी की इस भाषा से हैरान हैं। अनशन पर बैठे एक शिक्षक सुरेश कुमार मिश्रा की हालत बिगड़ गई। उन्हें तुरंत लोकनायक जयप्रकाश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। अनशन कर रहे शिक्षकों ने ऐलान किया है कि हम मर जाएंगे, लेकिन सरकार के अन्याय को सहन नहीं करेंगे। शिक्षकों की इस धमकी को अनशन कर ऐसी ही धमकी देने के चारित्रिक विशेषता वाले शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कड़ी निंदा कर कहा है कि अगर शिक्षक अनशन खत्म कर स्कूलों में नहीं लौटे तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा।

इस देश में आजादी के बाद भी निरंतर सत्य के साथ अनुप्रयोग अनवरत जारी हैं और सुराज की आस लिए सुखद भविष्य की बाट जोहते आम भारतीय की आँखे भावशून्य होकर पथरा गई हैं ।

गाँधी तुम जहाँ कहीं भी होगे अपने देश की दुर्दशा देखकर कम से कम नाथूराम को तो धन्यवाद दे ही रहे होगे कि उसने तुम्हे ऐसे दिन देखने की पीड़ा से मुक्ति दिलाई और यदि वास्तव में ऐसा ही है तो इसके लिए मुझे भी धन्यवाद दो कि मैनें तुम्हारी पीड़ा समझी और ये लिखने की जहमत उठाई वरना अभी इस पोस्ट पर तुम्हारे नाम की टोपी लगाये कई लोग आयेंगे और लानत मलामत कर अपने को सेकुलर साबित करने का असफल प्रयास करेंगे ।

लेकिन ये सब देखकर तुम कभी भूल कर भी इधर अवतार लेने की कोशिश मत करना वरना ये लोग तुम्हे भी ये कह कर साम्प्रदायिक घोषित कर देंगे कि ये आदमी “रघुपति राघव राजा राम” गाता है । इन लोगों ने अपने लिए दूसरा गाँधी बना लिया है जिसके साथ ये मीलों आ गये हैं और कह रहें हैं के अभी मीलों और आगे जाना है ।

इसलिए बापू मेरी सलाह है , अपनी पुण्यतिथि पर जश्न मनाईये ... बाकी जो है सो तो हैईये ही ...
..................फेसबुक से साभार

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