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Friday, February 1, 2013

‘विश्‍वरूप’ रिलीज हुई, लोगों ने सराहा

नई दिल्ली (श्रवण शुक्ल): अभिनेता कमल हासन की फिल्‍म `विश्‍वरुपम` का हिंदी संस्करण ‘विश्वरूप’ आज दिल्‍ली, लखनऊ, नॉएडा समेत उत्‍तर भारत के सभी शहरों में रिलीज हो गई। फिल्म देखने के बाद सभी लोगों ने कलम हासन के साहस की तारीफ़ की है।

आज थोड़े अफरा तफरी के माहौल के बाद यूपी में भी फिल्म रिलीज हो गई। हालांकि सिनेमाघरों तक प्रिंट के समय पर न पहुंचने की वजह से लखनऊ में सुबह के शो कैंसिल कर दिए गए, लेकिन इसमें प्रतिबन्ध जैसी कोई बात नहीं थी। उधर नॉएडा के सिनेमाघरों में आज सुबह से ही काफी चहल पहल दर्ज की गई।

‘फिल्म अलकायदा और तालिबान की
पृष्ठिभूमि में बनी है, इस फिल्म को
लेकर भारतीय मुस्लिमों का
हाय-तौबा मचाना समझ से
परे है’: राहुल पल्हानिया
लोगों ने फिल्म की तारीफ करते हुए बताया कि फिल्म से आपको तालिबानी और अलकायदा आतंकियों की वास्तविकता को जानने का मौका मिलता है। ऐसी फिल्म बनाने के लिए कमल हासन के साहस को मानना पड़ेगा कि उन्होंने इस फिल्म के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया।

नॉएडा के एक सिनेमाघर में फिल्म देखने पहुंचे एक युवा ने बातचीत में कहा कि हमने सुबह का शो देखने का फैसला किया, क्योंकि हम उत्तर-प्रदेश सरकार के बयान के बाद से असमंजस में थे कि कहीं फिल्म को प्रतिबंधित न कर दिया जाए।

फिल्म देखने के बाद बाहर निकले राहुल पल्हानिया नाम के युवक ने कहा, ‘फिल्म बहुत साफ़ सुथरी है, इसमें ऐसा कुछ भी नहीं, जिसमें किसी को भी आपत्ति हो’। युवक ने आगे जोड़ा, ‘फिल्म अलकायदा और तालिबान की पृष्ठिभूमि में बनी है, इस फिल्म को लेकर भारतीय मुस्लिमों का हाय-तौबा मचाना समझ से परे है’। ऐसे ही कुछ विचार फिल्म देखकर निकले मुस्लिम युवक उस्मान ने व्यक्त किए।

उस्मान ने कहा, ‘फिल्म वास्तविकता को दर्शाती है, मुझे जहां तक लगता है कि अबतक मेरे द्वारा देखी गई आतंक पर आधारिक बेहतरीन फिल्म है। इस फिल्म को देखने के बाद मुझे उन लोगों पर दया आ रही है जो बिना फिल्म देखे ही विरोध कर रहे हैं। ऐसी फ़िल्में बननी चाहिए’। फिल्म देखकर निकले उस्मान के चेहरे पर काफी सुकून नजर आया, क्योंकि फिल्म देखने पहले उन्हें काफी निगेटिव रिव्यूज मिले थे।

वहीं फिल्म देखकर निकलती ज्योति नाम की युवती ने फिल्म के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि फिल्म में तालिबानी और अलकायदा सदस्यों द्वारा महिलाओं पर अत्याचार को भी अहम् जगह दी गई है। यह फिल्म न सिर्फ आतंक पर आधारित है बल्कि इस फिल्म में तालिबानी शासन के दौरान महिलाओं की सामाजिक स्थिति पर भी रोशनी डाली गई है।

आज फिल्म के रिलीज होने के बाद लगभग सभी सिनेमाघरों के बाहर और अन्दर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। इस बीच, कहीं से भी किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना की जानकारी नहीं है।

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