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Tuesday, December 11, 2012

कंडोम...! खुल के बोल


कुंदन
टिप्पणीकार स्वतंत्र लेखक हैं

टी वी पर पहले ये एक विज्ञापन आता था जाने अब क्यूँ बंद कर दिया है ... लोग तो आज भी कंडोम बोलने में ऐसे डरते हैं जैसे कंडोम ना हुआ शिलाजीत मांग रहे हो ..

मै गाहे बगाहे अब भी मेडिकल शॉप पर बैठता रहता हूँ और देखता हूँ ऐसा नहीं है की सिर्फ अनपढ़ या कम पढ़े लिखे लोग या बुजुर्ग लोग ही इस तरह शर्माते हैं बल्कि पढ़े लिखे और जवान जो की खुद को मोर्डन कहते हैं वो भी कंडोम बोलने में ऐसे शरमाते हैं मानो कंडोम नहीं वियाग्रा मांग रहे हैं|

और लोग जब कंडोम का पैकेट मेडिकल शॉप पर मांगते हैं तो कुछ इस तरह से मांगते हैं.. भैया ५ वाला पैकेट दे दो, कुछ के लिए आज भी कंडोम गुब्बारे ही है , और कुछ के लिए हर कंडोम निरोध है |

कई लोग किसी अनजान दूकान पर अगर कंडोम खरीदने जा रहे हैं तो पहले हर तरफ तस्दीक कर लेना चाहते हैं की कोई और तो नहीं है जो उनको देख रहा है और जब वो पूरी तरह से निश्चिंत हो जाते
हैं की कोई और उन्हें नहीं देख रहा है तब ही खरीदते हैं अन्यथा वापस चले जाते हैं और फिर नतीजा या तो असुरक्षित यौन सम्बन्ध होता है ( असुरक्षित मतलब सिर्फ बीमारी की ही बात नहीं पर पत्नी के लिए भी गर्भ ठहरना शामिल हो सकता है |) या सम्बन्ध होता ही नहीं | और ये दोनों ही बाते काफी खतरनाक होती है |
असुरक्षित संबंधों के सारे नतीजे तो अधिकतर टीवी पर बता ही दिए जाते हैं पर जनसँख्या वृद्धि भी एक  नतीजा और होता है तो भाई अगर खुद की सेहत के लिए ना सही देश के भले के लिए ही खुल कर बोलो कंडोम|

और अगर लम्बे समय तक सम्बन्ध नहीं बन पाते तो इन्सान चिडचिडापन और दूसरी इसी तरह की समस्याओं का शिकार हो जाता है जिसका नतीजा परिवार में आपसी कलह से शुरू हो कर बड़े झगड़ो तक जाता है | कुछ लोगो को इस वजह से दूसरी शारीरिक समस्याएँ जैसे की सर दर्द कमर दर्द और ऐसी ही और तकलीफे भी हो जाती है | (अगर आप को जरा भी शक है तो जाइए किसी भी डॉ से पूँछ लीजिये वो ना नहीं करेगा ) हर समझदार इन्सान जानता है की स्वस्थ शारीरिक सम्बन्ध हर शादी शुदा रिश्ते के सबसे जरूरी पहलूओं में से एक होता है और अगर कोई इस सम्बन्ध से दूर भागता है तो वो अपनी ही शादी को ख़राब करता है जो घर की कलह से ले कर टूटे हुए रिश्ते या फिर रिश्तों में किसी और की उपस्थिति तक जा सकता है तो भाई अगर देश के लिए नहीं तो खुद के लिए खुल कर बोलो कंडोम|

अंत में यही कहूँगा दोस्तों कंडोम बोलने में कोई शर्म नहीं है, अगर आप इसे मांग रहे हैं तो इसका यही मतलब है की आप एक सामान्य इन्सान हैं जिसमे कोई कमी नहीं और जब आप में कोई कमी नहीं है तो ये दुनिया को बताने में कैसी शर्म |

कंडोम...! खुल के और हक़ से बोल न यार

(जिन लोगो को ये लगता है की मैंने बिना किसी आधार के यह सारी बाते लिखी हैं तो उन्हें बता दूं कि मुझे ९ साल मेडिकल स्टोर चलाने का अनुभव है, मानव व्यवहार को काफी नज़दीक से पढ़ा है, लोगो से बात कर के उनकी राय लेने के साथ चिकित्सकों की भी राय ली है बाकी आप विशेषज्ञों की राय लेने के लिए स्वत्रंत है ही |)
यह लेखक के निजी विचार हैं,
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