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Monday, December 10, 2012

भ्रष्ट नेताओं से ज्यादा खतरनाक है भेड़चाल में शामिल जनता

कुंदन
लेखक स्वतंत्र लेखक हैं

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भारत के ६५ साल के इतिहास में शास्त्री जी को छोड़ कर शायद कोई नेता नहीं हुआ, जिस पर कीचड़ के छीटे ना उछले हों चाहे वो वाजपेयी जी जैसे नेता ही क्यूँ ना हो |
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मुझे लगता है आज हमारे देश को जितना खतरा भ्रष्ट नेताओं से है उससे ज्यादा खतरा भेड चाल पर चलने वाले लोगो से है |
मै पिछले कुछ वक्त में हमारे देश के लोगो की राजनैतिक समझ के बारे में जो समझ पाया हूँ वो ये है की हमारे देश में लोग सोच का नहीं इन्सान का विरोध करते हैं वो भी एक पूर्वाग्रह को रख कर और ये पूर्वाग्रह भी कई बार बिना किसी आधार के होता है | वो या तो व्यक्ति या पार्टी का समर्थन करते हैं या विरोध इसके अलावा हर बात उन्हें गलत ही लगती है | 
कांग्रेसी लोगो को मोदी गलत लगते हैं, मोदी भक्तों को कांग्रेस गलत लगती है ...विपक्ष के अनुसार सरकार की हर निति गलत है और उसका विरोध करो और सरकार के लोग पहले किसी को साथ नहीं लेना चाहते लेकिन आम इन्सान को इन बातो से अलग हट कर काम और नीतियों के बारे में सोचना होगा |
लोग ऍफ़ डी आई का विरोध कर रहे हैं इससे क्या नुकसान होगा उस बारे में समझाने के लिए लोगो से कहा जाये तो शायद दो प्रतिशत लोग भी नही समझा पायेंगे पर विरोध करेंगे क्यों की विपक्ष इसके खिलाफ है और वर्तमान सरकार हर मुद्दे पर भ्रष्टाचार के साथ देश के लिए निराशाजनक रही है | पर हमेशा विपक्ष सही हो ये जरूरी है ऐसा नहीं है अगर सरकार के पक्ष को सुना जाये तो वर्तमान नियम देश को फायदा ही पहून्चायेंगे किसानों को भी लेकिन समर्थन या विरोध करने की हालत में भी नहीं हूँ क्यूँ की मै इस बारे में ज्यादा समझ नहीं पाया हूँ अभी तक पर ये समझता हूँ की बेवजह का विरोध नहीं करूंगा ना ही समर्थन दूंगा | सम्भव है की समझने के बाद में मै खुद ऍफ़ डी आई को गाली दूं पर उसकी तारीफ़ भी कर सकता हूँ |
कुछ नीतियाँ जो सरकार ने लागू की और विपक्ष के विरोध के बाद भी मुझे पसंद है उनमे से एक आकाश टेबलेट की योजना या फिर यु आई डी की योजना को रख सकते हैं.. मानता हूँ आज दोनों ही योजनाओं के क्रियान्वयन में देर लग रही है लेकिन शुरुवात होना भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है | मनरेगा की योजना देश के लिए बहुत ही अच्छी है मानता हूँ पैसे की हेर फेर हो रही है पर आधार के बाद ये हेर फेर काफी हद तक कम हो सकती है | ये वो योजनाये हैं जिसके लिए सरकार की पीठ थप थपाई जानी चाहिए बिना विपक्ष की बात सुने लेकिन तब जब आप इन योजनाओं को समझ कर इनके फायदे खुद समझ ले अगर लगे की ये योजनाये गलत है तो बे झिझक गाली दीजिये लेकिन बिना समझे विपक्ष की हाँ में हाँ नहीं मिलाइये |
ये तो सरकारों की बाते अब उन लोगो के लिए कहूं जो मोदी के खिलाफ होते हैं तो उनके लिए भी वही कहूँगा इन्सान के लिए नहीं उसकी नीतियों और कामो के बारे में राय बनाइए ... अगर अग्रेजी में कहूं तो कहूँगा dont be judgementl पहले उनके कामो को देखिये, उन लोगो से समझिये जो उनके प्रदेश में है और फिर अपनी राय बनाइये अखबार भरोसे के लायक कम ही बचे हैं |
जो सिब्बल के खिलाफ खड़े हैं वो समझ ले की सिब्बल को मै हमेशा कुटिल सिब्बल कहता हूँ लेकिन इसका ये मतलब नहीं की सिब्बल की कही हर बात का विरोध कर्रूँ बिना सुने और सोचे समझे उनकी कही हर बात को सिरे से नकार दूं आकाश अगर देश के युवाओं को मिलने वाला है तो उसका एक बड़ा कारण सिब्बल ही हैं |
ऐसा ही हर नेता के साथ हो सकता है भारत के ६५ साल के इतिहास में शाश्त्री जी को छोड़ कर शायद कोई नेता नहीं हुआ जिस पर कीचड़ के छीटे ना उछले हों चाहे वो वाजपेयी जी जैसे नेता ही क्यूँ ना हो |
सभी से यही निवेदन है की अपनी राय नेताओं के कामो के आधार पर बनाइये अपनी पसंदीदा पार्टी के चुनाव प्रपत्र या अपनी पसंदीदा पार्टी के वक्ता के आधार पर नहीं |

यह लेखक के निजी विचार हैं,
ब्लॉग आथर का प्रकाशित सामग्री
से सहमत होना अनिवार्य नहीं है|

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