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Monday, October 1, 2012

जिंदगी जीने का एक ज़रिया-एक मुनासिब मकसद हासिल हो जाए

( Zindagi jeeney ka ek naya zaria -ek munasib maksad haasil ho jaaye)

कोशिशें हैं दुनिया में कि सबको खुश रखूं,
शायद उनकी खुशिओं में थोड़ी खुशी हमें भी नसीब हो जाए!

जिंदगी भर सबको मिलाने की कोशिशें करता रहा है दिल,
ताकि मिलते-मिलाते लोगों में कहीं मेरी जान भी मिल जाए!

दुनिया में सबकी खुशिओं को प्यार में ऐसे रंग दूं,
कि उनके रंगों में रंगकर जिंदगी को भी नया रंग मिल जाए!

चाहता हूं प्यार से सारे जहां को रोशन करूं,
जिनमे रोशन हो कभी मेरा प्यार - मेरी जिंदगी मुझे मिल जाए!

प्यार के मौके मैं लोगों के लिए तलाशता फिरूं,
ताकि कोई प्यार की खुशबू को महसूसकर किसी और का प्यार मिलाने में फना हो जाए!

प्यार भरी बांछों की पहलुओं में खोना चाहता हूं मैं,
जहाँ खुदा के रहम--करम से वो मेरी जान मुझे मिल जाए!

उसके ही ख़्वाबों के रंग से रंगकर गुजरती है जिंदगी,
वो मिल जाए तो मेरी जिंदगी भी प्यार के रंगों में रंगीन हो जाए!

जिंदगी के तमान रास्तों में चलकर वो रास्तें बनाऊं,
जिनसे होकर सारे जहां को प्यार के नए ठिकाने मिल जाए!

दुनिया के संकरे कोनों में खोई हुई वो गलियां ढूंढ निकालूं मैं,
जहां किस्मत से किसी की जिंदगी के खोये पहलू मिल जाए!

ताउम्र प्यार करना चाहता हूं मै अपनी जान--जिंदगी को,
जिनसे होकर मुझे जिंदगी जीने का एक ज़रिया-एक मुनासिब मकसद हासिल हो जाए!

उम्मीद है प्यार के उस ठिकाने को जल्द खोज लेंगें हम,
जहां से इश्क की दरिया को पार कर लें हम या मौत के आगोश में समां जाए!

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