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Thursday, September 16, 2010

नेता जी को भूलते जा रहे है हम ????????



क्या क्रान्ति के महान सिपाही को हम भूलते जा रहे है ? जिसने पहली बार हमें संगठित होकर लड़ना सिखाया क्या हम उनके सिद्धांतों को भूलते जा रहे है ?
एक क्रांतिकारी, युग परिवर्तक ...मेरी नजर में स्वतंत्र भारत के निर्माण को गांधी जी के बराबर योगदान योगदान देने वाले...कुछ एक मौके पर गांधी जी को बही आइना दिखाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोश की पुण्य तिथि है आज......जीवन भर हम जय हिंद का नारा लगाना नहीं भूलते. आज जब उनकी पुण्य तिथि है तो किसी को भी याद नहीं आ रहा है कि आज ही के दिन एक शशक्त इरादेवाला, गंभीर चिंतन वाला, गरीबो का मसीहा, अपनी बात पर अडिग रहने वाले, देश को अंतिम समय पर जब  सशत्र क्रान्ति की जरूरत थी उस वक्त सशत्र विद्रोह करने वाले ,,,,उसी विद्रोह से अंगरेजी हुकूमत के चूले हिला देने वाले महान क्रांतिकारी, सैनिक, वक्ता, एक महान अगुआ का असमय स्वर्गवास हुआ था .......उस वक्त देश में हाहाकार मच गया गया था,,,मगर आज किसी को बही याद नहीं कि आज ही के दिन कोई देश भक्त अपनी देश सेवा से जबरदस्ती मुक्त होता हुआ स्वर्ग सिधार गया था.......

क्या कहे हम.....हमारी हिन्दुस्तान की जनता जय हिंद के नारे हर जगह पर लगती है ..मगर आज यहाँ लगभग हर कोई उस जय हिंद को आवाज़ देने वाले को ही भूल गई....वाह रे जनता......जो आज हमारे नेता जी को बही उसी आम भीड़ में खीच ले गई जिस भीड़ में सारे खड़े है....

आज भुला दिया गया उस देश देश भक्त को .जिसका योगदान भारत  स्वतंत्र कराने में सर्वाधिक रहा..भुला दिया गया वो सुबास चंद्र बोस ...जिसने पूर्वोत्तर भारत को सिर्फ अपने दम पर आजाद करा लिया था....भुला दिया गया उसे जो लोकतंत्र के साथ सैन्य सामंजस्य बैठाने का सर्वाधिक चपल और योग्य नेता था..........इज्जत जिसकी दुश्मन तक करते थे....भुला दिया गया उसे जिसके विद्रोह से अंगरेजी शासन को सोचने पर मजबूर होना पद था भारत की आज़ादी के बारे में......

वाह से भारतीय जनता.................................वाह रे भारतीय जनतंत्र................वाह से भारतीय बुद्धिजीवी वर्ग ......

दुनिया जिसे न भुला पाई उसे अपनों ने भुला दिया.
जिसकी धाक थी जापान और जर्मनी तक उसे खुद भारतवासियों ने भुला दिया .
किसानो को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत जिसने बनानी चाही ,आज उसे खुद उन्ही किसानो ने भुला दिया.
बहुत आई शर्म सबको यह याद दिलाते, फिर बही उनके प्रति अपनों के नजरिये ने मुझे रुला दिया
.................
सब भुला दे नेता को मगर मै उनके पूजा कि थाली सजाऊंगा
भले ही सब दिलो से निकाल दे मगर मै तो बस उनके ही गुण गाऊंगा
उनके योगदान को भले ही मिटा दे लोग
मगर मै उनकी पूजा करूँगा ..उन्हें ही अपने दिल में बसूँगा.........जय हिंद.......... 

श्रवण कुमार शुक्ल

नेता जी के मौत की सूचना देती रिपोर्ट-----------------------------------------------------------------------------



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